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सूर्यनगरी जोधपुर

Author : Dr. Mohanlal Gupta
Shubhda Prakashan, Jodhpur
( customer reviews)
150 15
Category:
Book Type: EBook
Size: 2499 kb
Downloads: 27
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अपने गौरवमयी इतिहास एवं अनूठी संस्कृति के लिये विख्यात जोधपुर, पश्चिमी भारत का प्रमुख दर्शनीय नगर है। यह संसार के सर्वाधिक हलचल भरे विशाल थार मरुस्थल के पूर्वी छोर पर स्थित है। संसार भर से जो पर्यटक भारत दर्शन के लिये आते हैं, उनमें से अधिकांश पर्यटक जोधपुर आना चाहते हैं क्योंकि मरुस्थलीय पर्यटन के लिये विश्व में अन्यत्र इतनी विपुल संभावनाएँ एवं सुविधाएँ उपलब्ध नहीं हैं। जोधपुर नगर, पर्यटन निगम के डेजर्ट सर्किट (मरु परिपथ) पर स्थित है तथा जैसलमेर, किराडू, ओसियां, नागौर और बीकानेर सहित कई प्रमुख पर्यटन स्थलों के केन्द्र में स्थित है। माउण्ट आबू, रणकपुर, सुंधा माता आदि पर्यटन स्थलों के लिये भी जोधपुर से होकर जाना अधिक सुगम है। विश्व के अनेक देशों में जोधपुर के वुडन हैण्डीक्राफ्ट, आयरन हैण्डीक्राफ्ट, रेडिमेड गारमेंट्स तथा एल्युमिनियम आर्टीकल्स निर्यात किये जा रहे हैं।

डॉ. मोहनलाल गुप्ता आधुनिक युग के बहुचर्चित एवं प्रशंसित लेखकों में अलग पहचान रखते हैं। उनकी लेखनी से लगभग दस दर्जन पुस्तकें निृःसृत हुई हैं जिनमें से अधिकांश पुस्तकों के कई-कई संस्करण प्रकाशित हुए हैं। डॉ. गुप्ता हिन्दी साहित्य के जाने-माने व्यंग्यकार, कहानीकार, उपन्यासकार एवं नाट्यलेखक हैं। यही कारण है कि उनकी सैंकड़ों रचनाएं मराठी, तेलुगु आदि भाषाओं में अनूदित एवं प्रकाशित हुईं। इतिहास के क्षेत्र में उनका योगदान उन्हें वर्तमान युग के इतिहासकारों में विशिष्ट स्थान देता है। वे पहले ऐसे लेखक हैं जिन्होंने राजस्थान के समस्त जिलों के राजनैतिक इतिहास के साथ-साथ सांस्कृतिक इतिहास को सात खण्डों में लिखा तथा उसे विस्मृत होने से बचाया। इस कार्य को विपुल प्रसिद्धि मिली। इस कारण इन ग्रंथों के अब तक कई संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं तथा लगातार पुनर्मुद्रित हो रहे हैं। डॉ. मोहनलाल गुप्ता ने भारत के विशद् इतिहास का तीन खण्डों में पुनर्लेखन किया तथा वे गहन गंभीर तथ्य जो विभिन्न कारणों से इतिहासकारों द्वारा जानबूझ कर तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किए जाते रहे थे, उन्हें पूरी सच्चाई के साथ लेखनीबद्ध किया एवं भारतीय इतिहास को उसके समग्र रूप में प्रस्तुत किया। भारत के विश्वविद्यालयों में डॉ. गुप्ता के इतिहास ग्रंथ विशेष रूप से पसंद किए जा रहे हैं। इन ग्रंथों का भी पुनमुर्द्रण लगातार जारी है। राष्ट्रीय ऐतिहासिक चरित्रों यथा- अब्दुर्रहीम खानखाना, क्रांतिकारी केसरीसिंह बारहठ, महाराणा प्रताप, महाराजा सूरजमल,सवाई जयसिंह,भैंरोंसिंह शेखावत, सरदार पटेल तथा राव जोधा आदि पर डॉ. मोहनलाल गुप्ता द्वारा लिखी गई पुस्तकों ने भारत की युवा पीढ़ी को प्रेरणादायी इतिहास नायकों को जानने का अवसर दिया। प्रखर राष्ट्रवादी चिंतन, मखमली शब्दावली और चुटीली भाषा, डॉ. मोहनलाल गुप्ता द्वारा रचित साहित्य एवं इतिहास को गरिमापूर्ण बनाती है। यही कारण है कि उन्हें महाराणा मेवाड़ फाउण्डेशन से लेकर मारवाड़ी साहित्य सम्मेलन मुम्बई, जवाहर कला केन्द्र जयपुर तथा अनेकानेक संस्थाओं द्वारा राष्ट्रीय महत्व के पुरस्कार दिए गए।




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