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युग निर्माता राव जोधा

Author : Dr. Mohanlal Gupta
Rajasthani Granthagar Jodhpur
(1 customer reviews)
150 150
Category:
Book Type: Hard Copy
Size: 80 pages
Downloads: 9
Language

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मारवाड़ नरेश राव जोधा तथा उसके पुत्रों ने कठिन थार मरुस्थल को अपने घोड़ों की टापों से रौंदकर अपने लिये एक विशाल राज्य का निर्माण किया। जोधा के वंशजों ने भारत में दूर-दूर तक अपने राज्य स्थापित कर लिये। मारवाड़ राज्य, भारत का तीसरा सबसे बड़ा राज्य बन गया। जोधा के वंशज कृष्ण-भक्ति और काव्य-रचना के क्षेत्र में विश्व भर में प्रसिद्ध हुए और उनके मंदिर बने। उन पर सैंकड़ों ग्रंथ लिखे गये तथा वे सिनेमा के रुपहले पर्दे पर छाये रहे। जोधा के वंशजों ने प्रथम तथा द्वितीय विश्व-युद्ध के मोर्चों पर सफलताओं के झण्डे गाढ़े। उन्होंने यूनाइटेड नेशन को सम्बोधित किया और साम्राज्यिक युद्ध मंत्रिमण्डल तथा वार्साई की संधि में प्रमुख भूमिकाएं निभाईं। गोलमेज सम्मेलनों में जोधा के वंशजों की आवाज सबसे ऊँची थी। भारत सरकार ने जोधा के वंशजों पर डाक टिकट जारी किये।

डॉ. मोहनलाल गुप्ता आधुनिक युग के बहुचर्चित एवं प्रशंसित लेखकों में अलग पहचान रखते हैं। उनकी लेखनी से लगभग दस दर्जन पुस्तकें निृःसृत हुई हैं जिनमें से अधिकांश पुस्तकों के कई-कई संस्करण प्रकाशित हुए हैं। डॉ. गुप्ता हिन्दी साहित्य के जाने-माने व्यंग्यकार, कहानीकार, उपन्यासकार एवं नाट्यलेखक हैं। यही कारण है कि उनकी सैंकड़ों रचनाएं मराठी, तेलुगु आदि भाषाओं में अनूदित एवं प्रकाशित हुईं। इतिहास के क्षेत्र में उनका योगदान उन्हें वर्तमान युग के इतिहासकारों में विशिष्ट स्थान देता है। वे पहले ऐसे लेखक हैं जिन्होंने राजस्थान के समस्त जिलों के राजनैतिक इतिहास के साथ-साथ सांस्कृतिक इतिहास को सात खण्डों में लिखा तथा उसे विस्मृत होने से बचाया। इस कार्य को विपुल प्रसिद्धि मिली। इस कारण इन ग्रंथों के अब तक कई संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं तथा लगातार पुनर्मुद्रित हो रहे हैं। डॉ. मोहनलाल गुप्ता ने भारत के विशद् इतिहास का तीन खण्डों में पुनर्लेखन किया तथा वे गहन गंभीर तथ्य जो विभिन्न कारणों से इतिहासकारों द्वारा जानबूझ कर तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किए जाते रहे थे, उन्हें पूरी सच्चाई के साथ लेखनीबद्ध किया एवं भारतीय इतिहास को उसके समग्र रूप में प्रस्तुत किया। भारत के विश्वविद्यालयों में डॉ. गुप्ता के इतिहास ग्रंथ विशेष रूप से पसंद किए जा रहे हैं। इन ग्रंथों का भी पुनमुर्द्रण लगातार जारी है। राष्ट्रीय ऐतिहासिक चरित्रों यथा- अब्दुर्रहीम खानखाना, क्रांतिकारी केसरीसिंह बारहठ, महाराणा प्रताप, महाराजा सूरजमल,सवाई जयसिंह,भैंरोंसिंह शेखावत, सरदार पटेल तथा राव जोधा आदि पर डॉ. मोहनलाल गुप्ता द्वारा लिखी गई पुस्तकों ने भारत की युवा पीढ़ी को प्रेरणादायी इतिहास नायकों को जानने का अवसर दिया। प्रखर राष्ट्रवादी चिंतन, मखमली शब्दावली और चुटीली भाषा, डॉ. मोहनलाल गुप्ता द्वारा रचित साहित्य एवं इतिहास को गरिमापूर्ण बनाती है। यही कारण है कि उन्हें महाराणा मेवाड़ फाउण्डेशन से लेकर मारवाड़ी साहित्य सम्मेलन मुम्बई, जवाहर कला केन्द्र जयपुर तथा अनेकानेक संस्थाओं द्वारा राष्ट्रीय महत्व के पुरस्कार दिए गए।




5 Years, 1 Months, 12 Days Ago

Found full history of Rao Jodha....Nice book....

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