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हल्दीघाटी का युद्ध और महाराणा प्रताप

Author : Dr. Mohanlal Gupta
Rajasthani Granthagar Jodhpur
(1 customer reviews)
200 200
Category:
Book Type: Hard Copy
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इस पुस्तक में महाराणा प्रताप तथा अकबर के सेनापति कुंवर मानसिंह के बीच हुए हल्दीघाटी युद्ध का वर्णन है। वस्तुतः यह युद्ध भारत के सर्वाधिक चर्चित युद्धों में से एक है। इससे पहले ऐसे कई युद्ध हो चुके थे जिनमें हल्दीघाटी के युद्ध से अधिक संख्या में सैनिक और राजा मरे थे तथा उन युद्धों ने भारत का भाग्य बदल दिया था। हल्दीघाटी के युद्ध में ऐसा कुछ नहीं हुआ। बहुत कम लोग संभवतः 5-6 हजार सैनिक मरे तथा इस युद्ध से भारत का भाग्य भी नहीं बदला किंतु इस युद्ध को अंग्रेजों ने भारत का थर्मोपिली कहकर इसका अभिनंदन किया। महाराणा प्रताप का अप्रतिम शौर्य, उसके साथियों रामसिंह तंवर तथा मानसिंह झाला का बलिदान एवं महाराणा के घोड़े चेतक की स्वामिभक्ति इस युद्ध की रांगेटे खड़े कर देनी वाली वास्तविकता हैं।

डॉ. मोहनलाल गुप्ता आधुनिक युग के बहुचर्चित एवं प्रशंसित लेखकों में अलग पहचान रखते हैं। उनकी लेखनी से लगभग दस दर्जन पुस्तकें निृःसृत हुई हैं जिनमें से अधिकांश पुस्तकों के कई-कई संस्करण प्रकाशित हुए हैं। डॉ. गुप्ता हिन्दी साहित्य के जाने-माने व्यंग्यकार, कहानीकार, उपन्यासकार एवं नाट्यलेखक हैं। यही कारण है कि उनकी सैंकड़ों रचनाएं मराठी, तेलुगु आदि भाषाओं में अनूदित एवं प्रकाशित हुईं। इतिहास के क्षेत्र में उनका योगदान उन्हें वर्तमान युग के इतिहासकारों में विशिष्ट स्थान देता है। वे पहले ऐसे लेखक हैं जिन्होंने राजस्थान के समस्त जिलों के राजनैतिक इतिहास के साथ-साथ सांस्कृतिक इतिहास को सात खण्डों में लिखा तथा उसे विस्मृत होने से बचाया। इस कार्य को विपुल प्रसिद्धि मिली। इस कारण इन ग्रंथों के अब तक कई संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं तथा लगातार पुनर्मुद्रित हो रहे हैं। डॉ. मोहनलाल गुप्ता ने भारत के विशद् इतिहास का तीन खण्डों में पुनर्लेखन किया तथा वे गहन गंभीर तथ्य जो विभिन्न कारणों से इतिहासकारों द्वारा जानबूझ कर तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किए जाते रहे थे, उन्हें पूरी सच्चाई के साथ लेखनीबद्ध किया एवं भारतीय इतिहास को उसके समग्र रूप में प्रस्तुत किया। भारत के विश्वविद्यालयों में डॉ. गुप्ता के इतिहास ग्रंथ विशेष रूप से पसंद किए जा रहे हैं। इन ग्रंथों का भी पुनमुर्द्रण लगातार जारी है। राष्ट्रीय ऐतिहासिक चरित्रों यथा- अब्दुर्रहीम खानखाना, क्रांतिकारी केसरीसिंह बारहठ, महाराणा प्रताप, महाराजा सूरजमल,सवाई जयसिंह,भैंरोंसिंह शेखावत, सरदार पटेल तथा राव जोधा आदि पर डॉ. मोहनलाल गुप्ता द्वारा लिखी गई पुस्तकों ने भारत की युवा पीढ़ी को प्रेरणादायी इतिहास नायकों को जानने का अवसर दिया। प्रखर राष्ट्रवादी चिंतन, मखमली शब्दावली और चुटीली भाषा, डॉ. मोहनलाल गुप्ता द्वारा रचित साहित्य एवं इतिहास को गरिमापूर्ण बनाती है। यही कारण है कि उन्हें महाराणा मेवाड़ फाउण्डेशन से लेकर मारवाड़ी साहित्य सम्मेलन मुम्बई, जवाहर कला केन्द्र जयपुर तथा अनेकानेक संस्थाओं द्वारा राष्ट्रीय महत्व के पुरस्कार दिए गए।




5 Years, 7 Months, 23 Days Ago

My Most Beloved Book ever...Thanxx Dr. Gupta ji for Publishing these kind of books....

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