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राजस्थान ज्ञानकोश Paperback

Author : Dr. Mohanlal Gupta
Rajasthani Granthagar Jodhpur
( customer reviews)
800 600
Category:
Book Type: Hard Copy
Size: 760 Pages
Downloads: 0
Language

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राजस्थान ज्ञानकोश 14वां संस्करण आधे दामों में उपलब्ध डॉ. मोहनलाल गुप्ता द्वारा लिखित राजस्थान ज्ञानकोश का 14वां संस्करण (वर्ष 2022) हार्ड बाउण्ड तथा पेपरबैक संस्करणों में उपलब्ध है। इसमें 760 पृष्ठ हैं। राजस्थान प्रशासनिक सेवा परीक्षा सहित राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा विगत 15 वर्षों में ली जाने वाली विभिन्न परीक्षाओं में इस पुस्तक से राजस्थान के सामान्यज्ञान, भाषा एवं संस्कृति आदि के सम्बन्ध में 90 प्रतिशत से अधिक प्रश्न आते रहे हैं। हार्डकवर का मूल्य 1500 रुपए है तथा पेपरबैक का मूल्य 800 रुपए है। यूट्यूब चैनल Glimpse Of Indian History By Dr. Mohan Lal Gupta के दर्शकों तथा वैबसाइट www.rajasthanhistory.com एवं www.bharatkaitihas.com के पाठकों को हार्डबाउण्ड संस्करण 50 प्रतिशत छूट पर तथा पेपरबैक संस्करण 25 प्रतिशत छूट पर उपलब्ध कराया जा रहा है। पैकिंग एवं डाक व्यय भी शुभदा प्रकाशन द्वारा व्यय किया जा रहा है। पुस्तक मंगवाने के लिए व्हाटसैप नम्बर 9414076061 पर गूगल पे, फोन पे अथवा पेटीएम से भुगतान करके, इसी व्हाटसैप नम्बर पर अपना नाम पता, पिनकोड एवं सैलफोन नम्बर लिखें। पुस्तक मंगवाने के लिए राजस्थान हिस्ट्री डॉट कॉम पर भी भुगतान किया जा सकता है।

डॉ. मोहनलाल गुप्ता आधुनिक युग के बहुचर्चित एवं प्रशंसित लेखकों में अलग पहचान रखते हैं। उनकी लेखनी से लगभग दस दर्जन पुस्तकें निृःसृत हुई हैं जिनमें से अधिकांश पुस्तकों के कई-कई संस्करण प्रकाशित हुए हैं। डॉ. गुप्ता हिन्दी साहित्य के जाने-माने व्यंग्यकार, कहानीकार, उपन्यासकार एवं नाट्यलेखक हैं। यही कारण है कि उनकी सैंकड़ों रचनाएं मराठी, तेलुगु आदि भाषाओं में अनूदित एवं प्रकाशित हुईं। इतिहास के क्षेत्र में उनका योगदान उन्हें वर्तमान युग के इतिहासकारों में विशिष्ट स्थान देता है। वे पहले ऐसे लेखक हैं जिन्होंने राजस्थान के समस्त जिलों के राजनैतिक इतिहास के साथ-साथ सांस्कृतिक इतिहास को सात खण्डों में लिखा तथा उसे विस्मृत होने से बचाया। इस कार्य को विपुल प्रसिद्धि मिली। इस कारण इन ग्रंथों के अब तक कई संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं तथा लगातार पुनर्मुद्रित हो रहे हैं। डॉ. मोहनलाल गुप्ता ने भारत के विशद् इतिहास का तीन खण्डों में पुनर्लेखन किया तथा वे गहन गंभीर तथ्य जो विभिन्न कारणों से इतिहासकारों द्वारा जानबूझ कर तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किए जाते रहे थे, उन्हें पूरी सच्चाई के साथ लेखनीबद्ध किया एवं भारतीय इतिहास को उसके समग्र रूप में प्रस्तुत किया। भारत के विश्वविद्यालयों में डॉ. गुप्ता के इतिहास ग्रंथ विशेष रूप से पसंद किए जा रहे हैं। इन ग्रंथों का भी पुनमुर्द्रण लगातार जारी है। राष्ट्रीय ऐतिहासिक चरित्रों यथा- अब्दुर्रहीम खानखाना, क्रांतिकारी केसरीसिंह बारहठ, महाराणा प्रताप, महाराजा सूरजमल,सवाई जयसिंह,भैंरोंसिंह शेखावत, सरदार पटेल तथा राव जोधा आदि पर डॉ. मोहनलाल गुप्ता द्वारा लिखी गई पुस्तकों ने भारत की युवा पीढ़ी को प्रेरणादायी इतिहास नायकों को जानने का अवसर दिया। प्रखर राष्ट्रवादी चिंतन, मखमली शब्दावली और चुटीली भाषा, डॉ. मोहनलाल गुप्ता द्वारा रचित साहित्य एवं इतिहास को गरिमापूर्ण बनाती है। यही कारण है कि उन्हें महाराणा मेवाड़ फाउण्डेशन से लेकर मारवाड़ी साहित्य सम्मेलन मुम्बई, जवाहर कला केन्द्र जयपुर तथा अनेकानेक संस्थाओं द्वारा राष्ट्रीय महत्व के पुरस्कार दिए गए।




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