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राजस्थान की लोक संस्कृति

Author : Dr. Mohanlal Gupta
Shubhda Prakashan, Jodhpur
( customer reviews)
200 150
Category:
Book Type: EBook
Size: 666 kb
Downloads: 21
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यह पुस्तक राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा विभिन्न पदों के लिये आयोजित की जानी वाली परीक्षाओं को ध्यान में रखकर लिखी गई है। राजस्थान प्रशासनिक सेवा एवं अधीनस्थ सेवाओं के लिये होने वाली परीक्षाओं की तैयारी के लिये यह पुस्तक विशेष रूप से उपयोगी है। पुस्तक में राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा पूर्व में आयोजित परीक्षाओं के प्रश्नों को भी सम्मिलित किया गया है। इसमें निम्नलिखित अध्याय सम्मिलित किये गये हैं- राजस्थान के प्रमुख सांस्कृतिक क्षेत्र, राजस्थान में धर्म एवं दर्शन, राजस्थान के लोक देवता, राजस्थान की लोक देवियाँ, राजस्थान की विशिष्ट लोककलायें, राजस्थान की कुछ विशिष्ट जातियाँ, राजस्थान की शास्त्रीय संगीत परम्परा, राजस्थान का लोक संगीत, राजस्थान की प्रमुख गायक जातियाँ, राजस्थान के प्रमुख लोक वाद्य, राजस्थान के लोक नृत्य, राजस्थान के लोक नाट्य, राजस्थान के प्रमुख त्यौहार, राजस्थान के प्रसिद्ध मेले, राजस्थान की वेशभूषा, राजस्थान के प्रसिद्ध आहार व व्यंजन, राजस्थानी सिनेमा, तथा राजस्थानी संस्कृति में प्रयुक्त विशिष्ट शब्द।

डॉ. मोहनलाल गुप्ता आधुनिक युग के बहुचर्चित एवं प्रशंसित लेखकों में अलग पहचान रखते हैं। उनकी लेखनी से लगभग दस दर्जन पुस्तकें निृःसृत हुई हैं जिनमें से अधिकांश पुस्तकों के कई-कई संस्करण प्रकाशित हुए हैं। डॉ. गुप्ता हिन्दी साहित्य के जाने-माने व्यंग्यकार, कहानीकार, उपन्यासकार एवं नाट्यलेखक हैं। यही कारण है कि उनकी सैंकड़ों रचनाएं मराठी, तेलुगु आदि भाषाओं में अनूदित एवं प्रकाशित हुईं। इतिहास के क्षेत्र में उनका योगदान उन्हें वर्तमान युग के इतिहासकारों में विशिष्ट स्थान देता है। वे पहले ऐसे लेखक हैं जिन्होंने राजस्थान के समस्त जिलों के राजनैतिक इतिहास के साथ-साथ सांस्कृतिक इतिहास को सात खण्डों में लिखा तथा उसे विस्मृत होने से बचाया। इस कार्य को विपुल प्रसिद्धि मिली। इस कारण इन ग्रंथों के अब तक कई संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं तथा लगातार पुनर्मुद्रित हो रहे हैं। डॉ. मोहनलाल गुप्ता ने भारत के विशद् इतिहास का तीन खण्डों में पुनर्लेखन किया तथा वे गहन गंभीर तथ्य जो विभिन्न कारणों से इतिहासकारों द्वारा जानबूझ कर तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किए जाते रहे थे, उन्हें पूरी सच्चाई के साथ लेखनीबद्ध किया एवं भारतीय इतिहास को उसके समग्र रूप में प्रस्तुत किया। भारत के विश्वविद्यालयों में डॉ. गुप्ता के इतिहास ग्रंथ विशेष रूप से पसंद किए जा रहे हैं। इन ग्रंथों का भी पुनमुर्द्रण लगातार जारी है। राष्ट्रीय ऐतिहासिक चरित्रों यथा- अब्दुर्रहीम खानखाना, क्रांतिकारी केसरीसिंह बारहठ, महाराणा प्रताप, महाराजा सूरजमल,सवाई जयसिंह,भैंरोंसिंह शेखावत, सरदार पटेल तथा राव जोधा आदि पर डॉ. मोहनलाल गुप्ता द्वारा लिखी गई पुस्तकों ने भारत की युवा पीढ़ी को प्रेरणादायी इतिहास नायकों को जानने का अवसर दिया। प्रखर राष्ट्रवादी चिंतन, मखमली शब्दावली और चुटीली भाषा, डॉ. मोहनलाल गुप्ता द्वारा रचित साहित्य एवं इतिहास को गरिमापूर्ण बनाती है। यही कारण है कि उन्हें महाराणा मेवाड़ फाउण्डेशन से लेकर मारवाड़ी साहित्य सम्मेलन मुम्बई, जवाहर कला केन्द्र जयपुर तथा अनेकानेक संस्थाओं द्वारा राष्ट्रीय महत्व के पुरस्कार दिए गए।




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