रिवर्स पोलराइजेशन का ये कमाल, देख ले सारा हिन्दुस्तान !
हमारी नई वैबसाइट - भारत का इतिहास - www.bharatkaitihas.com
यूपी चुनावों में जो ऐतिहासिक परिणाम आये, निःसंदेह इसका सारा श्रेय अखिल भारतीय गर्दभ संघ को जाता है। यदि हम बीच में न आये होते तो यह निर्वाचन इतना रोचक, इतना पवित्र और इतना ऐतिहासिक नहीं हुआ होता। चुनाव तो केवल पांच राज्यों में लड़े जा रहे थे जिनमें गुजरात सम्मिलित नहीं था किंतु जैसे ही यूपी में चुनावों की रणभेरी बजी, हमें याद कर लिया गया और हमने वो कर दिखाया जो आज से पहले कोई नहीं कर सकता था। यह अखिल भारतीय गर्दभ संघ ही था जिसने यूपी में हाथी को उठाकर पटक दिया, साइकिल को पंचर कर दिया और साइकिल के पीछे बैठे हाथ को टाटा कह दिया।
सबसे पहले तो यूपी की उन मुस्लिम माताओं का आभार जिन्होंने धरती के इतिहास में पहली बार अपने पतियों की दकियानूसी सोच को उठाकर धरती पर पटक दिया और तीन तलाक से मुक्ति पाने की चाहत में, ईवीएम नामक मतपेटी में देश के नवसृजन का बीज बो आईं। उन्होंने सिद्ध कर दिया कि महिलाएं चाहें तो क्या नहीं कर सकतीं! इसमें कोई संदेह नहीं कि चुनाव तो कमल अपने ही बल पर जीता है किंतु जीत के इस पुण्य यज्ञ में मुस्लिम माताओं ने अपने मत की आहुति राष्ट्रीयता के पक्ष में देकर देश में एक नये वातावरण का सृजन किया है। उन्होंने अपने शौहरों को बता दिया है कि उन्हें खतरा राष्ट्रीयता की विचारधारा से नहीं, अपतिु अपने शौहरों की तलाकवादी मानसिकता से है। उन्हें खतरा तारिक फतह से नहीं है अपित उन मुल्ला-मौलवियों से है जो मस्लिम माताओं और बहनों को बुरके में बंद करके रखना चाहते हैं।
अखिल भारतीय गर्दभ संघ, यूपी के दलित मतदाताओं का भी आभार प्रकट करता है जिन्होंने दलित की बेटी के नाम से राजनीति करने वाली और अरबों-खरबों की सम्पत्ति खड़ी करने वाली बहिनजी की वास्तविकता को समझ लिया और यूपी को एक बार फिर से लूटने के उनके खेल को बिगाड़ दिया। अखिल भारतीय गर्दभ संघ साधना गुप्ता के पति से सहानुभूति जताने की कोई इच्छा नहीं रखता जिन्होंने एम-वाई का समीकरण बनाकर जनता को खूब बेवकूफ बनाया।
अखिल भारतीय गर्दभ संघ उत्तराखण्ड के मतदाताओं की भूरि-भूरि प्रशंसा करता है कि उन्होंने एक भ्रष्ट, अवसरवादी और अल्पसंख्यक-केन्द्रित-साम्प्रदायिकतावादी रावत सरकार को उखाड़ फैंका। सत्ता के लालच में आकण्ठ डूब रावत को राज्य की बहुसंख्यक जनता की अपेक्षा अल्पसंख्यक मतदाताओं को ही लुभाना अच्छा लगा था। वे समझ ही नहीं पाये कि देश में रिवर्स पोलराइजेशन की बयार चल रही है। भारत को रिवर्स पोलराइजेशन अखिल भारतीय गर्दभ संघ की ही देन है। इसका सीधा सा अर्थ यह है कि आजादी के बाद से राजनीतिक पार्टियां बहुसंख्यक जनता के हितों को अल्पसंख्यक जनता के वोटों पर कुर्बान करती आई थीं, अब हमने राजनीतिक पर्टियों को इस पैटर्न में सुधार लाने के लिये प्रेरित किया है। अल्पसंख्यक मतदाता भी समझ रहे हैं कि उन्हें केवल वोट बैंक बनाकर रख दिया गया है। वे भी इस देश के बराबर के नागरिक हैं न कि विशेष सुविधओं की वैशाखियों पर पलने वाले बेचारे!
अखिल भारतीय गर्दभ संघ मणिपुर की माताओं और मतदाताओं का भी अभिनंदन करता है जिन्होंने शर्मिला इरोम के खतरनाक इरादों को इतनी बुरी तरह से नष्ट कर दिया। इरोम ने अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, असम, नगालैंड, मिजोरम और त्रिपुरा में 1958 से लागू और जम्मू-कश्मीर में 1990 से लागू आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट (एएफएसपीए) को हटवाने के लिये 16 साल तक अनशन किया था। इस कानून के तहत सुरक्षा बलों को इन राज्यों में किसी को भी देखते ही गोली मारने या बिना वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार है। यह कानून उन लोगों के विरुद्ध है जो देशद्रोही गतिविधियों के माध्यम से भारत को तोड़ने की साजिश रचते हैं। इरोम इस कानून को हटाकर भारत की सुरक्षा बलों का मनोबल तोड़ना चाहती थीं और स्वयं मणिपुर की मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रही थीं किंतु मणिपुर की जनता ने बता दिया कि वे पूरी तरह से भारत की मुख्यधारा के साथ हैं तथा देशद्रोहियों को गोली मार दी जानी चाहिये।
अखिल भारतीय गर्दभ संघ पंजाब के मतदाताओं का भी आभार व्यक्त करता है जिन्होंने एण्टी इन्कबेंसी फैक्टर के चलते दस साल पुरानी सरकार को तो उखाड़ फैंका किंतु अराजकतावादी राजनीति के जन्मदाता अरविन्द केजरीवाल के खतरनाक इरादों को सफल नहीं होने दिया। उन्होंने क्षेत्रीयता से ऊपर उठकर एक राष्ट्रीय पार्टी को चुना, इसके लिये उनका धन्यवाद। हालांकि पंजाब की जनता के लिये इंदिरा गांधी के हाथ चुनाव चिह्न वाली कांग्रेस को चुनने का फैसला किसी कड़वे घूंट को पीने से कम नहीं है। कारण स्वतः समझे जा सकते हैं।
अखिल भारतीय गर्दभ संघ गोआ के मतदाताओं की भी प्रशंसा करता है जिन्होंने त्रिशंकु विधान सभा बनाकर यह जता दिया कि वे एण्टी इन्कम्बेंसी फैक्टर से संत्रस्त तो हैं किंतु वे साम्प्रदायिक राजनीतिक करने वाली हाथ के निशान वाली उसी पार्टी को फिर से सत्ता की चाबी सौंपने को तैयार नहीं हैं जिसने कभी भी गोआ का भला नहीं किया।
अखिल भारतीय गर्दभ संघ देश के लोगों से यह अपील करता है कि हिन्दू, मुसलमान, दलित, राष्ट्रवादी, समाजवादी, साम्यवादी आदि सभी लोग इस देश के बराबर के नागरिक हैं। वेएक-दूसरे के खिलाफ नहीं सोचें। देश को सच्चे मन से सुखी और सम्पन्न बनाने के लिये प्रेम और परिश्रम में विश्वास रखें। हम एक रहेंगे तो नेक रहेंगे।
-डॉ. मोहनलाल गुप्ता
हमारी नई वैबसाइट - भारत का इतिहास - www.bharatkaitihas.com