राजस्थान ज्ञानकोश प्रश्नोत्तरी : राजस्थान की हस्तकलायें - वस्त्र कला
30.12.2021
राजस्थान ज्ञानकोश प्रश्नोत्तरी - 251
राजस्थान ज्ञानकोश प्रश्नोत्तरी : राजस्थान की हस्तकलायें - वस्त्र कला
कपड़ा बुनाई
1. प्रश्न- जालोर जिले का लेटा गांव किसलिये प्रसिद्ध है?
उतर- खेसले के लिये।
2.प्रश्न- टुकड़ी कहाँ की प्रसिद्ध थी?
उतर- मारोठ की।
प्रश्न- 3. नमदे कहाँ के प्रसिद्ध हैं?
उतर- बीकानेर व टोंक के।
प्रश्न- 4. गलीचे कहाँ के प्रसिद्ध हैं?
उतर- जयपुर, बीकानेर, ब्यावर, किशनगढ़, टोंक, मालपुरा, केकड़ी, भीलवाड़ा तथा कोटा में गलीचे बनाने का काम बड़े पुराने समय से तथा बड़े पैमाने पर होता है।
प्रश्न- 5. दरियां कहाँ की प्रसिद्ध हैं?
उतर- सालावास की।
प्रश्न- 6. पट्टू कहाँ के प्रसिद्ध हैं?
उतर- जैसलमेर तथा बाड़मेर के।
प्रश्न- 7. मांगरोल किसके लिये प्रसिद्ध हैं?
उतर- मसूरिया साड़ियों के लिये।
प्रश्न- 8. कैथून किसके लिये प्रसिद्ध हैं?
उतर- कोटाडोरिया की साड़ियों के लिये।
प्रश्न- 9. बिछौने के जाजम कहाँ के प्रसिद्ध हैं?
उतर- चित्तौड़गढ़ के।
प्रश्न- 10. छपी हुई साड़ियां कहाँ की प्रसिद्ध हैं?
उतर- नाथद्वारा की।
प्रश्न- 11. शॉल बुनाई का काम कहाँ होता है?
उतर- बाड़मेर जिले में।
प्रश्न- 12. पट्टू बुनाई का कार्य किस पर किया जाता है?
उतर- पिटलूम पर।
प्रश्न- 13. जाटा पट्टू की बुनाई कहाँ होती है?
उतर- बाड़मेर जिले में।
प्रश्न- 14. कोट पट्टी बुनाई का काम कहाँ होता है?
उतर- बाड़मेर जिले में।
प्रश्न- 15. बरडी का काम कहाँ होता है?
उतर- बाड़मेर जिले में। कपड़ा रंगाई एवं छपाई
प्रश्न- 16. कपड़े रंगने वाले क्या कहलाते हैं?
उतर- नीलगर अथवा रंगरेज।
प्रश्न- 17. बंधेज कहाँ का प्रसिद्ध है?
उतर- जयपुर एवं जोधपुर का।
प्रश्न- 18. चूनरी का काम कहाँ का प्रसिद्ध है?
उतर- जोधपुर का।
प्रश्न- 19. बगरू, आकोला तथा सांगानेर किस कला के लिये प्रसिद्ध हैं?
उतर- कपड़ों की छपाई के लिये।
प्रश्न- 20. पाली एवं बालोतरा क्यों प्रसिद्ध हैं?
उतर- सूती कपड़े की डाइंग एवं प्रिंटिंग के लिये।
प्रश्न- 21. पेचवर्क कहाँ का प्रसिद्ध है?
उतर- शेखावाटी का।
प्रश्न- 22. बगरू में छपाई का काम कब से हो रहा है?
उतर- चार सौ साल से।
प्रश्न- 23. बगरू छपाई की क्या विशेषता है?
उतर- इसमें रासायनिक रंगों का उपयोग नहीं किया जाता।
प्रश्न- 24. आकोला की छपाई में किन रंगों का प्रयोग होता है?
उतर- वानस्पातिक रंगों का।
प्रश्न- 25. बाड़मेर की छपाई किस जाति के लोग करते हैं?
उतर- खत्री जाति के।
प्रश्न- 26. अजरख प्रिण्ट का सम्बन्ध किस छपाई से है?
उतर- बाड़मेर की छपाई से।
प्रश्न- 27. ढोला मारू की प्रेम गाथा किस छपाई में चित्रित की जाती है?
उतर- बाड़मेर की छपाई में।
प्रश्न- 28. मेण की छपाई, किशनगढ़ी छपाई, दाबू छपाई तथा फर्द की छपाई किस क्षेत्र में प्रचलित है?
उतर- सवाईमाधोपुर की तरफ।
प्रश्न- 29. प्राकृतिक रंगों को बनाने में किस सामग्री का प्रयोग होता है?
उतर- पापड़ खाद, बकरी की कुटी हुई मेंगनी, तेल, मांड, आल की लकड़ी का पीला रंग, कुटी हुई मिट्टी, गोंद तथा चूल्हे की राख, हरड़ा, टेसू के फूल, इण्डिगो, खींप, फोग बोरड़ी, काचरी, रोहिड़े की टहनियोंसे रंग बनाये जाते हैं।
प्रश्न- 30. वानस्पातिक रंगों में किस तकनीक का प्रयोग होता है?
उतर- अजरख और दाबू तकनीक का।
प्रश्न- 31. खींप से कौनसा रंग बनाया जाता है?
उतर- आसमानी।
प्रश्न- 32. केसूला से कौनसा रंग बनाया जाता है?
उतर- पीला।
प्रश्न- 33. खेजड़ी की छाल से कौनसा रंग बनता है?
उतर- भूरा।
प्रश्न- 34. फोग की लकड़ी से कौनसा रंग बनता है?
उतर- हल्का लाल रंग।
प्रश्न- 35. बोरड़ी की छाल से कौनसा रंग बनता है?
उतर- गहरा भूरा।
प्रश्न- 36. गूगल से कौनसा रंग बनता है?
उतर- कत्थई।
प्रश्न- 37. थोर से कौनसा रंग बनता है?
उतर- हरा रंग।
प्रश्न- 38. छपाई के लिये कपड़े की धुलाई में कौनसी सामग्री काम में आती है?
उतर- ऊँट का मींगणा, गाय का गोबर तथा भेड़ की लेड़ी। कपड़े पर कढ़ाई एवं पेचवर्क
प्रश्न- 39. कांच कशीदाकारी किस क्षेत्र में अधिक होती है?
उतर- बाड़मेर एवं जैसलमेर जिलों में।
प्रश्न- 40. पश्चिमी राजस्थान में भरत किसे कहते हैं?
उतर- कशीदाकारी को।
प्रश्न- 41. पक्का भरत किसे कहते हैं?
उतर- लड़ी वाले टांके से भरत लम्बे समय तक टिकाऊ रहता है इसलिये इसे पक्का भरत कहते हैं।
प्रश्न- 42. सूफ किसे कहते हैं?
उतर- सूफ एक प्रकार का कशीदा है जिसमें कपड़े के पीछे से तुरपाई की जाती है। ज्यामितीय आकृतियों वाले इस भरत का आधार त्रिकोण है जिसे सूफ कहते हैं।
प्रश्न- 43. सूफ कितने प्रकार के होते हैं?
उतर- सूफ दो प्रकार के होते हैं- आठ ताड़ी, जिसमें डिजाइन के आठ तिकोने होते हैं तथा सोलह ताड़ी, जिसमें डिजाइन के सोलह तिकोने होते हैं।
प्रश्न- 44. सूफ को सुंदरता देने के लिये कौनसी रचनाएं बनाई जाती हैं?
उतर- सोने-चांदी की धातु के तारों को धागों में लपेट कर कपड़े पर कशीदा किया जाता है। इसमें बखिया टांके का प्रयोग होता है।
प्रश्न- 46. कम्भीरी किसे कहते हैं?
उतर- कुम्हार समुदाय की कशीदा कला को कम्भीरी कहते हैं।
प्रश्न- 47. कम्भीरी कशीदाकारी की क्या विशेषताएं हैं?
उतर- इसमें कच्चे धागे से आउटलाइन दी जाती है तथा रंग नहीं भरे जाते। अधिकतर चौकोर डिजाइनें बनाई जाती हैं। कपड़े के ताने को गिनकर कशीदा किया जाता है। लाल कपड़े पर पीले और काले धागे का प्रयोग होता है।
प्रश्न- 48. कम्भीरी कशीदाकारी का प्रयोग किन कपड़ों में किया जाता है?
प्रश्न- 49. पश्चिमी राजस्थान में की जाने वाली हुरमजी कौनसी कला है?
उतर- यह एक प्रकार की कशीदाकारी है जिसे बावलिया, कच्छी भरत तथा सिंधी भरत भी कहते हैं। इसमें भरत वाले कपड़े पर धागे की जाली तैयार की जाती है तथा बिना ट्रेसिंग के कशीदा काढ़ते हैं। चटख रंग के सूती धागों का उपयोग कर गहरे हरे रंग के सूती कपड़े पर कढ़ाई करते हैं। इसमें छोटे-छोटे मोटिफ का प्रयोग होता है। पट्टू पर भी हुरमजी किया जाता है।
प्रश्न- 50. पश्चिमी राजस्थान में की जाने वाली खारक कौनसी कला है?
उतर- सूखे खजूर को खारक कहते हैं। इस कशीदे में जो बंद दिये जाते हैं वे सूखे खजरों जैसे लगते हैं। इसलिये इस कशीदा को खारक कहते हैं। इसमें कच्चे धागों की अड दी जाती है तथा वर्गाकार मोटिफ का प्रयोग होता है।
प्रश्न- 51. पश्चिमी राजस्थान में की जाने वाली आरी कौनसी कला है?
उतर- इसका कशीदा जूतों पर की जाने वाली सिलाई के समरूप होता है। इसमें कशीदे के लिये फ्रेम का उपयोग होता है। इसी तरह चमड़े पर भी कशीदा किया जाता है।
प्रश्न- 52. पश्चिमी राजस्थान में की जाने वाली एपलिक कौनसी कला है?
उतर- एपलिक कशीदाकारी में एक कपड़े पर डिजाइन के अनुरूप कटा हुआ कपड़ा चिपकाकर उसके किनारों की तुरपाई करते हैं। जिस कपड़े पर कार्य किया जाता है उसका रंग प्रकट होता है।
प्रश्न- 53. पेचवर्क कौनसी कला है?
उतर- इसमें विभिन्न रंगों के छोटे-छोटे वर्गाकार अथवा तिकोनी आकृतियों के कपड़े काटकर उनकी आपस में सिलाई की जाती है। रालियां तथा तकिये इसी तकनीक से बनाये जाते हैं।