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अध्याय - 19 बी. जी. शर्मा चित्रालय उदयपुर
27.06.2018
अध्याय - 19 बी. जी. शर्मा चित्रालय उदयपुर
उदयपुर में सहेलियों की बाड़ी के पास बी. जी. शर्मा चित्रालय स्थित है। इसकी स्थापना 13 अप्रेल 1993 को नाथद्वारा चित्रशैली के सुप्रसिद्ध चित्रकार बी. जी. शर्मा ने की थी। आर्ट गैलेरी के रूप में स्थित यह संग्रहालय दो-मंजिला भवन में बना हुआ है। 5 अगस्त 1924 को नाथद्वारा में जन्मे बी. जी. शर्मा पारम्परिक चित्रकला शैली के सिद्धहस्त कलाकार हैं।
उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की जीवन लीला से सम्बन्धित चित्र बड़ी संख्या में बनाए। इस चित्रालय की यह विशेषता है कि इसमें प्रदर्शित समस्त चित्र एक ही कलाकार की तूलिका से निकले हैं। इस चित्रालय में उनके द्वारा 1935 से लेकर बनाए गए 500 से अधिक चित्र प्रदर्शित हैं। इनमें सबसे बड़ा चित्र सूती कपड़े पर बना पिछवई का है। पिछवई में श्रीनाथजी के अन्नकूट उत्सव को दर्शाया गया है। यह चित्र 8 गुणा 12 फुट का है। सबसे छोटा चित्र 1 इंच से भी लघु आकार का है।
इस चित्रालय में कृष्णलीला के चित्रों के अतिरिक्त रामलीला से सम्बन्धित चित्र भी हैं। मुगल कालीन तथा राजपूत कालीन जीवन परिवेश तथा बादशाहों और राजा-महाराजाओं से सम्बन्धित चित्रों के साथ 24वें जैन तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के जीवन के प्रमुख प्रसंगों के चित्र भी हैं। इन चित्रों के माध्यम से सम्पूर्ण जैनत्व के सिद्धांतों को कोई भी पहचान सकता है। राष्ट्रीय विभूतियों तथा मेवाड़ के शासकों के भी चित्र इस संग्रहालय में उपलब्ध हैं।
सूती कपड़े के साथ-साथ कुछ चित्र रेशमी कपड़े पर भी बने हुए हैं। हाथीदांत पर बने चित्र भी प्रदर्शित किए गए हैं। चित्रों को बनाने में पारम्परिक रंग (स्टोन कलर) काम में लिए गए हैं। कुछ चित्र ऐसे हैं जिन्हें असली स्वर्ण एवं रजत रंग से रंगा गया है। ऐसे चित्र भी हैं जो रंग-विहीन हैं तथा केवल पैंसिल-रेखाओं से बनाए गए हैं।
उदयपुर की अन्य निजी दीर्घाएं
उदयपुर में कमल शर्मा आर्ट गैलेरी, बोगेन विला, रामा आर्ट गैलेरी, गैलेरी प्रीस्टाइन तथा मेवाड़ आर्ट गैलेरी भी स्थित हैं जो विभिन्न कलाकारों द्वारा निजी स्तर पर स्थापित की गई हैं। इन्हें देखने के लिए टिकट खरीदना होता है।