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/ ब्रिटिश शासन में राजपूताने की रोचक एवं ऐतिहासिक घटनाएँ - पुस्तक
Select Blog By Title
जहांगीर के सामने मामूली सूबेदारनी दिखती थी इंगलैण्ड की महारानी
खोखर बड़ो खुराकी, खा गयो अप्पा जैसो डाकी
कोई तो बताये मेरी गुलाब को किसने मारा?
भरतपुर की महारानी ने कहा, मराठा सैनिक मेरे बच्चे हैं
मेहता सालिमसिंह ने जैसलमेर के तीन राजकुमारों को मार डाला
पिण्डारियों ने पोकरण ठाकुर का सिर काटकर राजा मानसिंह को भिजवाया
मारवाड़ की स्त्रियां दो-दो पैसे में और जयपुर की स्त्रियां एक-एक पैसे में बिकीं
जाझ फिरंगी ने राजपूतों से एक-एक कुंआँ छीन लिया
सामंतों ने राजमाता की हत्या करके महारावल को कैद से आजाद करवा लिया
एक ही स्त्री से प्रेम करते थे कोटा नरेश गुमानसिंह तथा झाला जालिमसिंह
भरतपुर ने अंग्रेजों को हिन्दुस्तानी तलवार का पानी पिलाया
सालिमसिंह के अत्याचारों से तंग होकर पालीवाल ब्राह्मणों ने जैसलमेर छोड़ दिया
राजाओं को और दुर्बल बनाओ ताकि वे अंग्रेजी हुकूमत के लिये खतरा न बनें
कर्नल टॉड की पुस्तक ने राजपूताने का नाम बदलकर राजस्थान कर दिया
60 जोंकें खून चूसती रहीं और कर्नल टॉड राजपूताने का इतिहास सुनता रहा
अंग्रेजों ने पिण्डारी अमीर खां को टोंक का नवाब बना दिया
लोहे के पिंजरे में सोता था झाला जालिमसिंह
मैं नाथद्वारा जाकर सन्यासी हो जाउंगा, स्वामी पर हथियार नहीं उठाऊंगा
मेवाड़ से अलग हो गए डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ और शाहपुरा
एक दूसरे को लूटते थे सिरोही और जोधपुर राज्य
अंग्रेजों ने भारत मुगलों से नहीं, हिंदुओं से प्राप्त किया
पिण्डारियों एवं मराठों से कई गुना अधिक राशि वसूल की अंग्रेजों ने
जयपुर महाराजा को विश्वास था कि कम्पनी उसके राज्य की रक्षा करेगी
कैप्टन स्टेवार्ड जबर्दस्ती जयपुर राज्य का पोलिटिकल एजेण्ट बन गया
संधि की शर्तों से बचने के लिए जोधपुर के राजा मानसिंह ने पागल होने का नाटक किया
कबूतर पर गोली चलाने वाले हमारे राज्य में नहीं रह सकते
महाराजा मानसिंह ने शरीर पर राख लपेट ली
एल्फिंस्टन ने बीकानेर दुर्ग की चाबियां स्वीकार नहीं कीं
मराठा सरदारों के डर से महाराणा अपने दूत अंग्रेजों के पास नहीं भेज पाता था
चार्ल्स मेटकाफ ने विनाश के कगार पर पहुंची मेवाड़ रियासत को बचा लिया
देखते ही बनता था दो रेगिस्तानी रियासतों के राजाओं का वह मिलन
उदयपुर राज्य में कप्तान टॉड के शासन ने अंग्रेजों की धाक जमा दी
महाराणा को पिता का श्राद्ध करने के लिये अंग्रेजों की मदद चाहिये थी
पोलिटिकल एजेण्ट मेजर रॉस से प्रसन्न नहीं थीं जयपुर की राजमाता चन्द्रावती
झाला मदनसिंह को काले कपड़े पहनाकर कोटा राज्य से विदा किया गया
अंग्रेजों ने डूंगरपुर के महारावल को वृंदावन भेज दिया
अंग्रेज मानते थे कि काले भारतीय नीच और मूर्ख हैं!
राजाओं व जागीरदारों के आपसी संघर्ष की अभिव्यक्ति थी 1857 की क्रांति
मॉक मेसन का सिर काटकर किले के सामने उलटा लटका दिया
मेजर बर्टन का सिर काट कर कोटा शहर में घुमाया गया
राजपूताने ने तात्यां टोपे तथा लक्ष्मीबाई को शरण नहीं दी
ब्रिटिश सरकार राजाओं के साथ प्रिय बालकों जैसा व्यवहार करने लगी
अंग्रेजों ने नरेशों की सलामियाँ कई बार घटाई बढ़ाईं
राष्ट्र के प्रत्येक अंग पर ब्रिटिश शिकंजा कस गया
उच्च अंग्रेज जाति को भारत में प्रशिक्षण लेना स्वीकार नहीं था
ब्रिटेन का राजा ईस्ट इण्डिया कम्पनी से उपहार लेता था!
किसी भी बदसूरत बुढ़िया को डाकन मान कर मारा जा सकता था
54 रुपये में खरीदी जा सकती थी 11 वर्ष की लड़की
ब्रिटिश राजमुकुट ने देशी राज्यों पर अपनी परमोच्चता थोपी
राजपूत राजाओं ने अंग्रेजों के विरुद्ध रूस के जार से सहायता मांगी
राजा के मुँह लगे इक्का के सामने नन्ही बाई की भी नहीं चली
नन्ही ने ऋषि दयानंद सरस्वती को जहर दे दिया
सर प्रताप की चेष्टाएं देख कर फिरंगी हैरत में पड़ गए
जयपुर नरेश ने लंदन की टेम्स नदी पर गंगाजी का परचम फहरा दिया
राजाओं को दबाने के लिये अंग्रेजों ने जागीरदारों से दोस्ती गांठ ली
भारतीय राजाओं के किस्से यूरोपीय अखबारों में छा गये
तोपों की सलामियों के लिये लड़ते थे राजा
पाँच सौ से अधिक बौनी रियासतों का संग्रहालय था भारत
ई.1901 में जोधपुर राज्य में केवल 224 इसाई रहते थे
ढूंढाड़ देस राच्छस धरा, दई वास नह दीजिये
बीकानेर के राजकुमार ने ब्रिटिश सम्राट के बालभृत्य का कार्य किया
उदयपुर का महाराणा अंग्रेजों से घृणा करता था
कुछ राजाओं की आत्मा विदेशी नाचघरों में भटका करती थी
अंग्रेजों ने कांग्रेस से लड़ने के लिये नरेन्द्र मण्डल का गठन किया
जोधपुर स्टेट का डीफैक्टो रूलर था डोनाल्ड फील्ड
आम आदमी तिहरी गुलामी के बोझ से दबा हुआ था
साइमन कमीशन देशी रजवाड़ों की राजनीति में मील का पत्थर सिद्ध हुआ
बटलर समिति ने राजाओं को उनकी वास्तविक तस्वीर दिखा दी
भारतीय राजाओं ने देश की पूर्ण स्वाधीनता का विरोध किया
कुछ प्रगतिशील राजाओं ने भारत संघ के निर्माण की वकालात की
राजाओं को पता नहीं था कि अखिल भारतीय संघ बनने से वे नष्ट हो जायेंगे
पहले गोलमेज सम्मेलन में राजाओं ने देश को एक बनाने की पैरवी की
दूसरे गोलमेज सम्मेलन में जयनाराण व्यास ने महाराजा गंगासिंह का भाण्डा फोड़ा
तीसरे गोलमेज सम्मेलन को राजाओं ने विफल कर दिया
गोरों ने भारत का भाग्य राजाओं के पास गिरवी रखने की योजना बनायी
धौलपुर नरेश नरेन्द्र मण्डल के चांसलर पद का चुनाव हार गये
गोरों ने तेल और पानी के मिश्रण की तरह भारत संघ बनाना चाहा
राजा लोग आदेश देने के लिये बने थे, आदेश लेने के लिये नहीं!
वायसराय सौदा बेचने के अनिच्छुक लोगों से मोलभाव कर रहा था!
बड़े राजाओं ने देश को एक नहीं होने दिया!
राजाओं के भाग्य से द्वितीय विश्वयुद्ध आरंभ हो गया!
नेताओं ने गोरों को हटाने के लिये राजाओं का मनोबल तोड़ने का निश्चय किया!
राजाओं और नेताओं के मध्य वाक्युद्ध आरंभ हो गया!
प्यारेलाल ने महाराजा गंगासिंह को मुँहतोड़ जवाब दिया
द्वितीय विश्वयुद्ध में राजपूताने के कई राजा मोर्चे पर गये
गोरी सरकार ने भारतीयों को मूर्ख बनाने के लिये स्टैफर्ड क्रिप्स को भेजा!
आजादी के बाद भी अंग्रेज भारत में ब्रिटिश सेनाएं रखना चाहते थे!
सुभाषचंद्र बोस की सफलता से घबरा उठी कांग्रेस!
राजाओं ने नरेन्द्र मण्डल से सामूहिक त्यागपत्र दे दिया!
सुभाष बाबू के प्रेत ने नेताजी के बलिदान का बदला मांगना आरंभ कर दिया
गोरे भारत से सम्मानजनक पलायन का रास्ता ढूंढने लगे!
राजाओं ने एक-एक करके अपने पत्ते खोलने आरंभ कर दिये!
गोरी सरकार राजाओं को लावारिस बालक की तरह छोड़कर न जाये!
कैबीनेट मिशन ने भारत को विभाजन की ओर धकेल दिया
जिन्ना ने कैबीनेट मिशन योजना को अस्वीकार कर दिया
अंग्रेजों ने भारी मन से भारत से विदा होने का मन बनाया!
ब्रिटेन का राजा भारतीय राजाओं के लिये चिंतित था!
डिकी गधे से दुम रखवा सकता था तो राजाओं से ताज भी!
एडविना ने माउंटबेटन को भारत विभाजन के लिये तैयार किया!
गोरे हमेशा के लिये देश छोड़ कर चले गये
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जहांगीर के सामने मामूली सूबेदारनी दिखती थी इंगलैण्ड की महारानी
03.06.2020
हमारी
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खोखर बड़ो खुराकी, खा गयो अप्पा जैसो डाकी
03.06.2020
हमारी
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कोई तो बताये मेरी गुलाब को किसने मारा?
03.06.2020
हमारी
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भरतपुर की महारानी ने कहा, मराठा सैनिक मेरे बच्चे हैं
03.06.2020
हमारी
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मेहता सालिमसिंह ने जैसलमेर के तीन राजकुमारों को मार डाला
03.06.2020
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03.06.2020
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मारवाड़ की स्त्रियां दो-दो पैसे में और जयपुर की स्त्रियां एक-एक पैसे में बिकीं
03.06.2020
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03.06.2020
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राजस्थान ज्ञान कोष प्रश्नोत्तरी लेखक - डॉ. मोहन लाल गुप्ता
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