साहित्य का सामर्थ्य देखना है तो हमें रामचरित मानस की ओर देखना चाहिए। साढ़े चार शताब्दियों से यह ग्रंथ करोड़ों भारतीयों को जीवन जीने की दिशा एवं जीवन जीने का सम्बल देता आया है। कदाचित ही कोई भारतीय होगा जिसे राम-चरित मानस की दो-चार चौपाइयाँ याद नहीं हों।
‘‘सती, सावित्री, सीता और अनुसुइया भारतीय नारियों का गौरव हैं, जिनसे प्रेरणा लेकर भारतीय नारियां हजारों वर्षों से एक सहज-सुलभ जीवन-पथ का अनुसरण करती आई हैं, इन पौराणिक नारी चरित्रों पर आघात करके देश की नारियों को दिग्भ्रमित करने का कुत्सित प्रयास भारतीय नारिय